COMPUTER
कंप्यूटर एक मशीन है जिसे अंकगणित या तर्क से जुड़े काम के कतार को अपनेआप पूरा करने के लिए प्रोग्राम किया जा सकता है। आधुनिक डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर प्रोग्राम के तरह जाने जानेवाले काम के सामान्य सेट कर सकते हैं। ये प्रोग्राम कंप्यूटर को तरह-तरह के कामों को करने में सक्षम बनाते हैं। कंप्यूटर सिस्टम एक नाम के लिए कंप्यूटर है जिसमें हार्डवेयर, ऑपरेटिंग सिस्टम (मुख्य सॉफ्टवेयर), और पैरीफैरल डिवाइस शामिल हैं जो ज़रूरी हैं और पूरे गणना के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। ये शब्द उन कंप्यूटरों के ग्रुप को भी इशारा कर सकता है जो लिंक किए गए हैं और एक साथ काम करते हैं, जैसे कंप्यूटर नेटवर्क या कंप्यूटर क्लस्टर।
कई उद्योगिक और ग्राहक प्रोडक्ट कंप्यूटर का इस्तेमाल कंट्रोल सिस्टम के तरह करते है। इसमें माइक्रोवेव अवन और रिमोट कंट्रोल जैसे खास काम के लिए बने डिवाइस तो शामिल हैं ही, उद्योगिक रोबोट और कंप्यूटर से बने डिज़ाइन के कारखानों के डिवाइस भी शामिल है, और पर्सनल कंप्यूटर जैसे सामान्य काम के लिए बने डिवाइस और स्मार्टफोन जैसे मोबाइल डिवाइस भी शामिल हैं। कंप्यूटर इंटरनेट को चलाता हैं, जो अरबों कंप्यूटरों और यूज़रों को जोड़ता है।
शुरुआती कंप्यूटर सिर्फ गणना के लिए इस्तेमाल किए जाते थे। अबैकस जैसे आसान मैनुअल डिवाइसों ने प्राचीनकाल से गणना करने में लोगों की मदद की है। उद्योगिक क्रांति की शुरुआत में, कुछ मशीनी डिवाइसों को लंबे, थकाऊ कामों को अपनेआप करने के लिए बनाया गया था, जैसे कि करघे के लिए पैटर्न दिखाना। ज़्यादा जटिल इलेक्ट्रिक मशीनों ने 20वीं शताब्दी की शुरुआत में ऐनलॉग गणना में माहरत पाई। पहले डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक गणना मशीनें दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान विकसित की गई थीं। 1940 के दशक के आखिर में सैमीकंडक्टर ट्रांज़िस्टर के बनने के बाद 1950 के दशक के आखिर में सिलिकॉन-आधारित मॉसफेट (मॉस ट्रांज़िस्टर) और मोनोलिथिक इंटीग्रेटेड सर्किट चिप बने, जिससे 1970 के दशक में माइक्रोप्रोसेसर और माइक्रोकंप्यूटर क्रांति हुई। तब से कंप्यूटर की रफ्तार, ताकत, और प्रतिभा बहुत तेज़ी से बढ़ रही है, और साथ में ट्रांज़िस्टर रफ्तार तेज़ रफ्तार से बढ़ रही है (जैसा मूर नियम ने भविष्यवाणी की थी), जिससे 20वीं शताब्दी के आखिर से 21वीं की शुरुआत के दौरान डिजिटल क्रांति हुई।
इतिहासिक रूप से, एक आधुनिक कंप्यूटर में कम-से-कम एक प्रोसेसिंग हिस्सा होता है, जो आमतौर पर माइक्रोप्रोसेसर के तरह एक सीपीयू होता है, जिसके साथ किसी तरह का कंप्यूटर मेमोरी, आमतौर पर सैमीकंडक्टर मेमोरी चिप, भी होता है। प्रोसेसिंग हिस्सा अंकगणित और तर्क से जुड़े काम करता है, और सीक्विंस और कंट्रोल यूनिट रखे गए डाटा के जवाब में काम के कतार को बदल सकती है। पैरीफैरल डिवाइसों में इनपुट डिवाइस (कीबोर्ड, जॉयस्टिक, वगैरह), आउटपुट डिवाइस (मॉनिटर स्क्रीन, प्रिंटर, वगैरह), और इनपुट/आउटपुट डिवाइस जो दोनों काम करता हैं (उदाहरण के लिए, 2000-युग टचस्क्रीन) शामिल हैं। पैरीफेरल डिवाइस जानकारी को बाहरी जगह से लाने की अनुमति देते हैं और काम के नतीजे को सेव करने और वापस लाने में सक्षम बनाते हैं।
शब्द इतिहास
एक इंसानी कंप्यूटर, माइक्रोस्कोप और कैलकुलेटर के साथ, 1952
कंप्यूटर शब्द का पहला इस्तेमाल साल 1613 में अंग्रेज लेखक रिचर्ड ब्रेथवेट की किताब “द यंग मैन ग्लीनिंग्स” में पाया गया है: मैंने टाइम्स के सबसे सही कंप्यूटर को पढ़ा है, और सबसे अच्छे अंकगणितज्ञ को, और उसने दिन को छोटे नंबर में बदल दिया। यहा कंप्यूटर से उनका मतलब एक इंसानी कंप्यूटर से है, एक ऐसा व्यक्ति जो गणना या कैलकुलेशन करता है। कंप्यूटर शब्द का ये मतलब 20वीं शताब्दी के बीच तक चला। इस युग के आखिरी में ज़्यादातर समय इंसानी कंप्यूटर के तरह औरतों को भाड़े पर रखा जाता था क्योंकि वो कम पैसे में काम करती थी। 1943 तक, ज़्यादातर इंसानी कंप्यूटर औरत थे।
कंप्यूटर शब्द का आधुनिक मतलब, ‘एक प्रोग्राम करनेलायक डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक मशीन’, 1945 से है, और इसका औपचारिक इस्तेमाल, 1937 से “ट्यूरिंग मशीन” के संदर्भ में है।
इतिहास
20वीं शताब्दी से पहले
डिवाइसों का इस्तेमाल हजारों सालों से गणना में मदद के लिए किया गया है, ज़्यादातर वक्त उंगलियों के साथ एक-से-एक का संपर्क रखे। सबसे शुरुआती गिनती डिवाइस एक टैली स्टिक के तरह होना चाहिए। बाद में उर्वर अर्धचंद्र में रिकॉर्ड रखनेवाले डिवाइसों में कैल्कुली (मिट्टी के गोले, टोपी, वगैरह) शामिल थे, जो चीज़ो की संख्या बताते थे। ये चीज़ें, जो खोखले बिना पके हुए मिट्टी के कंटेनरों में रखे जाते थे, जानवर या अनाज होने चाहिए। “छड़ गिनती” का इस्तेमाल इसका एक उदाहरण है।
अबैकस का इस्तेमाल शुरू में अंकगणित कामों के लिए किया गया था। रोमन अबैकस को 2400 ईसा पूर्व की शुरुआत में बेबीलोनिया में इस्तेमाल किए जानेवाले डिवाइसों से बनाया गया था। तब से, गणना बोर्ड या तालिका के कई दूसरे रूपों का आविष्कार किया गया है। एक मध्ययुग के यूरोपीय गिनती घर में, एक चेक किया हुआ कपड़ा मेज़ पर रखा जाता था, और मार्करों को कुछ नियमों के हिसाब से उस पर चारों तरफ घुमाया जाता, जिससे पैसे के रकम की गणना करने में मदद होती।
प्राचीन यूनान का 150-100 ईसा पूर्व में बना अनथिखिथीरा मशीन दुनिया के सबसे पुराने एनलॉग कंप्यूटरों में शामिल हैं।
डेरेक जे. डी सोला प्राइस के हिसाब से, अनथिखिथीरा को सबसे पुराना ज्ञात एनलॉग कंप्यूटर माना जाता है।[6] इसे खगोल में गणना करने के लिए डिज़ाइन किया गया था। ये 1901 में ग्रीक द्वीप अनथिखिथीरा के अनथिखिथीरा मलबे में खोजा गया था। ये लगभग 100 ईसा पूर्व का था। अनथिखिथीरा मशीन के जैसे जटिल डिवाइस 14वीं शताब्दी तक फिर नहीं हुए।
प्राचीन और मध्ययुग में खगोलीय और नौसंचालन गणनाओं के लिए कई एनालॉग कंप्यूटरों को बनाया गया था। प्लेनिस्फीयर एक स्टार चार्ट था जिसका आविष्कार 11वीं शताब्दी की शुरुआत में अल-बिरुनी ने किया था।
हिस्सा
निजी अभिकलित्र (पीसी) के प्रमुख भाग
एक अभिकलित्र (संगणक) निम्नलिखित चार भागों से मिलकर बनता है : निविष्ट यंत्र , संसाधन यंत्र , निर्गम यंत्र और भंडारण यंत्र। (युक्ति को यंत्र भी कहा जता है।)
निविष्ट यंत्र(इनपुट डिवाइस)
- निविष्ट यंत्रया इनपुट डिवाइस उन उपकरणों को कहते हैं जिसके द्वारा निर्देशो और आंकडों को संगणक में भेजा जाता है। जैसे- कुन्जी पटल (की-बोर्ड), माउस, जॉयस्टिक, ट्रैक बाल आदि।
- कीबोर्ड
- माउस
- माइक्रोफ़ोनया माइक
- क्रमवीक्षक(स्कैन्नर), अंकीय कैमेरा
- टच-स्क्रीन, टच-पैड
- जॉयस्टिक,
केंद्रीय प्रक्रमन इकाई
केंद्रीय प्रक्रमन इकाई (सीपीयू), संसाधन युक्ति या विचार युक्ति – यह अभिकलित्र की मूल संक्रियात्मक इकाई है जो आगम उपकरणों द्वारा दिए गए आंकड़ों के अनुरूप कार्य कर उसे निर्गत इकाई को भेजती है। इसके तीन भाग होते हैं:
- बही या पंजी (रजिस्टर)– सबसे पहले जिन आंकड़ों या सूचनाओं पर काम करना होता है, उन्हें अभिकलित्र स्मृति से बही में अंकित किया जाता है। अलग अलग प्रक्रियाओं के लिए अलग अलग बही होते हैं आंकिक एवं तर्क इकाई की संक्रिया के बाद सूचनाएं पुनः बही में दर्ज होती हैं और वापस स्मृती में भेजी जाती हैं।
- आंकिक एवं तर्क इकाई– यह इकाई बही में दर्ज सूचनाओं पर निर्देशों के अनुसार कार्य करती है तथा परिणाम को पुनः उपयुक्त बही में दर्ज कर देता है।
- नियन्त्रण इकाई– यह केंद्रिय प्रसाधन इकाई की सभी क्रियाओं का नियंत्रण करती है। जैसे कि स्मृति से सूचनाएं बही में वहाँ से आंकिक एवं तर्क इकाई में, वापस बही में तथा वहाँ से स्मृति में वापस जाने की प्रक्रिया पर यह इकाई नियंत्रण रखती है।
सूचना भंडारण उपकरण
पीसी में प्रयुक्त 64MB एसडीरैम (SDRAM)
- सूचना भंडारण उपकरणया सुरक्षण उपकरण – यह अभिकलित्र में प्रयुक्त सूचनाएं सहेजती है।
- अल्पकालिक भंडारण उपकरण– कम समय तक सूचना के भंडारण के लिये
- यादृच्छिक अभिगम स्मृतिया रैम (RAM)|रैंडम एक्सैस मैमोरी (रैम)
- पठन स्मृतिया रीड ओन्ली मेमोरी (रौम)
- अल्पकालिक भंडारण उपकरण– कम समय तक सूचना के भंडारण के लिये
- दीर्घकालिक भंडारण उपकरण– लंबे समय तक सूचना के भंडारण के लिये
- हार्ड ड्राइवया हार्ड डिस्क
- हटाये जा सकने वाला भंडारण उपकरण
- नम्यिका(फ्लॉपी डिस्क)
- कॉम्पैक्ट डिस्क(सीडी)
- अंकीय वीडियो डिस्क(डीविडी)
- चपला स्मृति भंडारण युक्ति याफ्लैश मेमोरी स्तोरेज डिवाइस
- यूऍसबी फ्लैश ड्राइवया फ्लैश मेमोरी ड्राइव
- फ्लैश मेमोरी कार्डया फ्लैश मेमोरी स्तिक
- ब्ल्यू-रे डिस्क
निर्गम यंत्र
- निर्गम यंत्र(आउटपुट डिवाइस)- इसमें वे सभी उपकरण शामिल हैं जिनसे प्रसाधित सूचनाएं या सामग्री मानवीय उपयोगी उत्पाद के रूप में बाहर आती हैं॥ जैसे-
- प्रदर्शक(मॉनिटर) – इसकी सहायता से प्रसाधित सामग्री दृश्य रूप में प्रकट होती है॥
- स्क्रीनस्क्रीन पर चित्र य चल्चित्र प्रकट होते है। ये प्रदर्शक से जुड़ा होता है।
- मुद्रक– इसकी सहायता से निर्गत सामग्री को कागज़ पर मुद्रित किया जाता है। इसे अन्ग्रेजी भाषा में प्रिंटर भी कहते है।
- भोंपू– इसे स्पीकर भी कह्ते है, जैसा कि नाम से ही पता चलता है, ये आवाज निकालने का काम करता है। इसका उपयोग अभिकलित्र में चालू किसी भी प्रक्रिया से उत्पन्न आवाज को उपयोगकर्ता तक पहुंचाने के लिये किया जाता है।
- प्रदर्शक(मॉनिटर) – इसकी सहायता से प्रसाधित सामग्री दृश्य रूप में प्रकट होती है॥